"जब ग्राहक ने माल लौटाया – Sales Return की Journal Entry का गहरा विश्लेषण"

 

प्रिय विद्यार्थियों,

पिछले ब्लॉग्स में हमने व्यापार शुरू करने, माल खरीदने और बेचने की सभी परिस्थितियों में Journal Entry को बेहद सरल और विस्तारपूर्वक सीखा। अब समय आ गया है एक और महत्वपूर्ण लेन-देन को समझने का — Sales Return यानि "माल वापसी" की एंट्री, जिसे आज हम सभी संभावित स्थितियों में जानेंगे।जहाँ सीखना सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि एक अनुभव बनेगा।मै, Vijay Singh Sikarwar, हमेशा आपकी मदद के लिए यहाँ हूँ — चाहे आप Commerce के छात्र हों या Non-Commerce पृष्ठभूमि से हों। मेरा उद्देश्य है कि किसी भी जटिल विषय को इतनी सरल भाषा और उदाहरणों के साथ समझाया जाए कि हर विद्यार्थी का concept एकदम clear हो जाएयदि आप एक नवीन शिक्षक हैं, तो मेरा यह ब्लॉग आपके लिए एक मार्गदर्शक की तरह काम करेगा। और यदि आप एक विशेषज्ञ शिक्षक हैं, तो हाथ जोड़कर विनती करता हूँ कि यदि मेरी इस प्रस्तुति में कोई कमी या सुधार की संभावना हो — तो मुझे जरूर मार्गदर्शन दें। आपकी नजरों से मिली सीख, न केवल मुझे बल्कि मेरे जैसे कई शिक्षकों और विद्यार्थियों को उज्जवल दिशा दे सकती है।आइए, ज्ञान की इस मधुर यात्रा को आगे बढ़ाते हैं...
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Journal Entry : Sale Return की सभी स्थितियाँ

 1. Sale Return in Case of Credit Sale

(जब माल उधार पर बेचा गया था और ग्राहक ने वापस कर दिया)

Sales Return A/c-------------------------------  Dr.  

      To Debtor’s A/c 

( Being goods returned by the customer which were earlier sold on credit.)

Account Name            Type of Account        Rule Applied            Treatment
Sales Return A/cNominal        Debit all losses             Debit
Debtor’s A/cPersonal        Credit the giver            Credit
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2.Sale Return in Case of Cash Sale

(जब नकद में माल बेचा था और ग्राहक ने वापस कर दिया)

Sales Return A/c------------------- Dr.  

                       To Cash A/c  

Being cash received earlier is now refunded due to goods returned.


Account Name     Type of Account   Rule Applied               Treatment

Sales Return A/c     Nominal                 Debit all losses        Debit

Cash A/c                     Real                           Credit what goes out      Credit

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3.Sale Return with GST (If applicable)

अगर GST लगता है, तो दोनों – Sales Return और Output GST को घटाना होता है

Entry (Credit Sale with GST):-

Sales Return A/c----------------  Dr.  

 Output CGST A/c--------------- Dr.  

   Output SGST A/c--------------- Dr.  

      To Debtor’s A/c 

(Being return of goods sold on credit along with GST.)

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Entry (Cash Sale with GST)

Sales Return A/c------------------ Dr.  

Output CGST A/c----------------- Dr.  

  Output SGST A/c------------------  Dr.  

             To Cash A/c

(Being return of goods sold on cash along with GST.)

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             Note -यदि IGST हो, तो Output CGST/SGST की जगह Output IGST A/c होगा।
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आपने अब तक सीखा:कैसे जब ग्राहक माल लौटाता है, तो Sales Return की एंट्री की जाती है — चाहे वो नकद हो या उधार, GST के साथ हो या बिना GST के।लेकिन अब सोचिए...अगर हमने किसी से माल खरीदा और फिर वो माल हमें पसंद नहीं आया, टूट-फूट निकली या कम क्वालिटी की थी — तो क्या हम भी वो वापस कर सकते हैं?

यही है हमारी अगली एंट्री — Purchase Return (माल वापसी जो हमने खरीदा था)

अगले ब्लॉग में जानिए Purchase Return की सभी practical स्थितियाँ — journal entries, GST effect और accounting logic — बिलकुल आसान भाषा में।

"सीखने का सिलसिला यहीं नहीं रुकता, अगली कड़ी में मिलते हैं  purchase return की   एंट्री के साथ!"


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